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खास बात ये भी है कि बड़े भी इस तरह का सपना देखते हैं.

स्थितियों को समझने के लिए अपने सपनों का विश्लेषण करें जो उन्हें पैदा कर सकती हैं। चित्र: शटरस्टॉक

सोने से पहले डरावनी फिल्में, क्राइम शो या नेगेटिव न्यूज देखना हमारे दिमाग पर सीधा असर डालता है। जब आप सोने से ठीक पहले ऐसे दृश्य देखते हैं, तो अवचेतन मस्तिष्क उन चित्रों को पकड़कर रात को दोबारा प्ले करता है, नतीजतन डरावने सपने आते हैं। इसलिए कहा जाता है कि सोने से पहले पॉजिटिव कंटेंट देखना या सुनना फायदेमंद होता है।

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इसीलिए सपने में भी आपको किसी के पीछा करने का एहसास होता है.

सावधान! क्या आपको भी आते हैं ये बुरे सपने? जान लीजिए मतलब

रात को बुरे सपने आने से डर लगता है, घबराकर उठ जाना, कई बार सोने से ही डर लगना. 

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कभी-कभार आने वाले डरावने सपने चिंता का विषय नहीं हैं. हालांकि रोज-रोज समस्या हो, तब डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है. बच्चों में यदि डरावने सपने लंबे समय तक बने रहें या उनके व्यवहार में बदलाव आए, तो बाल रोग विशेषज्ञ से बात करना फायदेमंद होता है.

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इसकी वजह से रात में उनकी नींद पूरी नहीं हो पाती है और उन्हें सोने से भी डर लगने लगता है. यह समस्या हद से ज्यादा होने पर भी लोग डॉक्टर के पास नहीं जाते हैं और इग्नोर कर click here देते हैं. हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो रोज रात में बुरे सपने आना सामान्य बात नहीं है. यह सेहत से जुड़ा संकेत हो सकता है.

हार्ट चेकअप करवाएं: अगर आपको बार-बार डरावने सपने आते हैं या दिल की धड़कन तेज होती है, तो इसे नजरअंदाज न करें। किसी डॉक्टर से जांच करवाएं।

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